रामायणम् — 2.41.6
Original
Segmented
भरतस्य आनृशंस-त्वम् संचिन्त्य अहम् पुनः पुनः न अनुशोचामि पितरम् मातरम् च अपि लक्ष्मण
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भरतस्य | भरत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आनृशंस | आनृशंस | pos=n,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| संचिन्त्य | संचिन्तय् | pos=vi |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अनुशोचामि | अनुशुच् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| पितरम् | पितृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मातरम् | मातृ | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| लक्ष्मण | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=8,n=s |