रामायणम् — 2.45.5
Original
Segmented
अस्य प्रसादाद् आशंसे लोके ऽस्मिन् सु महत् यशः धर्म-अवाप्तिम् च विपुलाम् अर्थ-अवाप्तिम् च केवलाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| प्रसादाद् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| यशः | यशस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अवाप्तिम् | अवाप्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| विपुलाम् | विपुल | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| अवाप्तिम् | अवाप्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| केवलाम् | केवल | pos=a,g=f,c=2,n=s |