रामायणम् — 2.46.17
Original
Segmented
यद् यद् आज्ञापयेत् किंचित् स महात्मा महीपतिः कैकेय्याः प्रिय-काम-अर्थम् कार्यम् तद् अविकाङ्क्षया
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आज्ञापयेत् | आज्ञापय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| महात्मा | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| महीपतिः | महीपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कैकेय्याः | कैकेयी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| काम | काम | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कार्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अविकाङ्क्षया | अविकाङ्क्षा | pos=n,g=f,c=3,n=s |