रामायणम् — 2.46.30
Original
Segmented
यद् अहम् न उपचारेण ब्रूयाम् स्नेहाद् अविक्लवः भक्तिमान् इति तत् तावद् वाक्यम् त्वम् क्षन्तुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यद् | यत् | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| उपचारेण | उपचार | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| ब्रूयाम् | ब्रू | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
| स्नेहाद् | स्नेह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अविक्लवः | अविक्लव | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भक्तिमान् | भक्तिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तावद् | तावत् | pos=i |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| क्षन्तुम् | क्षम् | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |