रामायणम् — 2.47.14
Original
Segmented
मन्ये दशरथ-अन्ताय मम प्रव्राजनाय च कैकेयी सौम्य सम्प्राप्ता राज्याय भरतस्य च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| दशरथ | दशरथ | pos=n,comp=y |
| अन्ताय | अन्त | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रव्राजनाय | प्रव्राजन | pos=n,g=n,c=4,n=s |
| च | च | pos=i |
| कैकेयी | कैकेयी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सौम्य | सौम्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| सम्प्राप्ता | सम्प्राप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| राज्याय | राज्य | pos=n,g=n,c=4,n=s |
| भरतस्य | भरत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |