रामायणम् — 2.48.27
Original
Segmented
यावता चित्रकूटस्य नरः शृङ्गाण्य् अवेक्षते कल्याणानि समाधत्ते न पापे कुरुते मनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यावता | यावत् | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| चित्रकूटस्य | चित्रकूट | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शृङ्गाण्य् | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| अवेक्षते | अवेक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कल्याणानि | कल्याण | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| समाधत्ते | समाधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| पापे | पाप | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |