रामायणम् — 2.51.12
Original
Segmented
किम् समर्थम् जनस्य अस्य किम् प्रियम् किम् सुख-आवहम् इति रामेण नगरम् पितृ-वत् परिपालितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| समर्थम् | समर्थ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| जनस्य | जन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सुख | सुख | pos=n,comp=y |
| आवहम् | आवह | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| रामेण | राम | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| नगरम् | नगर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पितृ | पितृ | pos=n,comp=y |
| वत् | वत् | pos=i |
| परिपालितम् | परिपालय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |