रामायणम् — 2.56.10
Original
Segmented
न एषा हि सा स्त्री भवति श्लाघनीयेन धीमता उभयोः लोकयोः वीर पत्या या संप्रसाद्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| स्त्री | स्त्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| श्लाघनीयेन | श्लाघ् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=krtya |
| धीमता | धीमत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| उभयोः | उभय | pos=a,g=m,c=7,n=d |
| लोकयोः | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=d |
| वीर | वीर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| पत्या | पति | pos=n,g=,c=3,n=s |
| या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| संप्रसाद्यते | संप्रसादय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |