रामायणम् — 2.57.10
Original
Segmented
देव्य् अनूढा त्वम् अभवो युवराजो भवाम्य् अहम् ततः प्रावृड् अनुप्राप्ता मद-काम-विवर्धिन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| देव्य् | देवी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अनूढा | अनूढ | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अभवो | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lan |
| युवराजो | युवराज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवाम्य् | भू | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| ततः | ततस् | pos=i |
| प्रावृड् | प्रावृष् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अनुप्राप्ता | अनुप्राप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| मद | मद | pos=n,comp=y |
| काम | काम | pos=n,comp=y |
| विवर्धिन् | विवर्धिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |