रामायणम् — 2.58.16
Original
Segmented
स च उद्धृतेन बाणेन तत्र एव स्वर्गम् आस्थितः भगवन्ताव् उभौ शोचन्न् अन्धाव् इति विलप्य च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| उद्धृतेन | उद्धृ | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| बाणेन | बाण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| स्वर्गम् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आस्थितः | आस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| भगवन्ताव् | भगवत् | pos=a,g=m,c=2,n=d |
| उभौ | उभ् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| शोचन्न् | शुच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| अन्धाव् | अन्ध | pos=a,g=m,c=2,n=d |
| इति | इति | pos=i |
| विलप्य | विलप् | pos=vi |
| च | च | pos=i |