रामायणम् — 2.65.4
Original
Segmented
वेगिनीम् च कुलिङ्गा-आख्याम् ह्रादिनीम् पर्वत-आवृताम् यमुनाम् प्राप्य संतीर्णो बलम् आश्वासयत् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वेगिनीम् | वेगिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| कुलिङ्गा | कुलिङ्गा | pos=n,comp=y |
| आख्याम् | आख्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| ह्रादिनीम् | ह्रादिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पर्वत | पर्वत | pos=n,comp=y |
| आवृताम् | आवृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| यमुनाम् | यमुना | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| संतीर्णो | संतृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| बलम् | बल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आश्वासयत् | आश्वासय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तदा | तदा | pos=i |