रामायणम् — 2.67.6
Original
Segmented
ननु त्व् आर्यो ऽपि धर्म-आत्मा त्वयि वृत्तिम् अनुत्तमाम् वर्तते गुरु-वृत्ति-ज्ञः यथा मातरि वर्तते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ननु | ननु | pos=i |
| त्व् | तु | pos=i |
| आर्यो | आर्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अनुत्तमाम् | अनुत्तम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
| वृत्ति | वृत्ति | pos=n,comp=y |
| ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| मातरि | मातृ | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |