रामायणम् — 2.69.22
Original
Segmented
पायसम् कृसरम् छागम् वृथा सो ऽश्नातु निर्घृणः गुरूंः च अपि अवजानातु यस्य आर्यः ऽनुमते गतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पायसम् | पायस | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कृसरम् | कृसर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| छागम् | छाग | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वृथा | वृथा | pos=i |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽश्नातु | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| निर्घृणः | निर्घृण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| गुरूंः | गुरु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| अवजानातु | अवज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आर्यः | आर्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽनुमते | अनुमत | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| गतः | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |