रामायणम् — 2.70.12
Original
Segmented
तथा इति भरतो वाक्यम् वसिष्ठस्य अभिपूज्य तत् ऋत्विज्-पुरोहित-आचार्यान् त्वरयामास सर्वशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तथा | तथा | pos=i |
| इति | इति | pos=i |
| भरतो | भरत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वसिष्ठस्य | वसिष्ठ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अभिपूज्य | अभिपूजय् | pos=vi |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ऋत्विज् | ऋत्विज् | pos=n,comp=y |
| पुरोहित | पुरोहित | pos=n,comp=y |
| आचार्यान् | आचार्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| त्वरयामास | त्वरय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |