रामायणम् — 2.78.12
Original
Segmented
तस्मात् पश्यतु काकुत्स्थ त्वाम् निषाद-अधिपः गुहः असंशयम् विजानीते यत्र तौ राम-लक्ष्मणौ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| पश्यतु | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| काकुत्स्थ | काकुत्स्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| निषाद | निषाद | pos=n,comp=y |
| अधिपः | अधिप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| गुहः | गुह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| असंशयम् | असंशय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| विजानीते | विज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| राम | राम | pos=n,comp=y |
| लक्ष्मणौ | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=1,n=d |