रामायणम् — 2.79.13
Original
Segmented
शाश्वती खलु ते कीर्तिः लोकान् अनुचरिष्यति यस् त्वम् कृच्छ्र-गतम् रामम् प्रत्यानयितुम् इच्छसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शाश्वती | शाश्वत | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| खलु | खलु | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| कीर्तिः | कीर्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अनुचरिष्यति | अनुचर् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| यस् | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| कृच्छ्र | कृच्छ्र | pos=n,comp=y |
| गतम् | गम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रत्यानयितुम् | प्रत्यानी | pos=vi |
| इच्छसि | इष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |