रामायणम् — 2.85.3
Original
Segmented
अथ उवाच भरद्वाजो भरतम् प्रहसन्न् इव जाने त्वाम् प्रीति-संयुक्तम् तुष्येस् त्वम् येन केनचित्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अथ | अथ | pos=i |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| भरद्वाजो | भरद्वाज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भरतम् | भरत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रहसन्न् | प्रहस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |
| जाने | ज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
| संयुक्तम् | संयुज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| तुष्येस् | तुष् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| येन | यद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| केनचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=3,n=s |