रामायणम् — 2.86.28
Original
Segmented
न दोषेण अवगम् कैकेयी भरत त्वया राम-प्रव्राजनम् ह्य् एतत् सुख-उदर्कम् भविष्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| दोषेण | दोष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| अवगम् | अवगम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
| कैकेयी | कैकेयी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भरत | भरत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| राम | राम | pos=n,comp=y |
| प्रव्राजनम् | प्रव्राजन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ह्य् | हि | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सुख | सुख | pos=a,comp=y |
| उदर्कम् | उदर्क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |