रामायणम् — 2.94.30
Original
Segmented
कच्चिद् अष्टादशान्य् एषु स्व-पक्षे दश पञ्च च त्रिभिस् त्रिभिः अविज्ञातैः वेत्सि तीर्थानि चारकैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कच्चिद् | कच्चित् | pos=i |
| अष्टादशान्य् | अष्टादशन् | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| एषु | इदम् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| पक्षे | पक्ष | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| दश | दशन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पञ्च | पञ्चन् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| त्रिभिस् | त्रि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| त्रिभिः | त्रि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| अविज्ञातैः | अविज्ञात | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| वेत्सि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| तीर्थानि | तीर्थ | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| चारकैः | चारक | pos=n,g=m,c=3,n=p |