रामायणम् — 2.95.7
Original
Segmented
प्रियेण किल दत्तम् हि पितृ-लोकेषु राघव अक्षय्यम् भवति इति आहुः भवांः च एव पितुः प्रियः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रियेण | प्रिय | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| किल | किल | pos=i |
| दत्तम् | दा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| पितृ | पितृ | pos=n,comp=y |
| लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| राघव | राघव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| अक्षय्यम् | अक्षय्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| भवांः | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| पितुः | पितृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| प्रियः | प्रिय | pos=a,g=m,c=1,n=s |