रामायणम् — 2.97.18
Original
Segmented
यावत् पितरि धर्म-ज्ञ गौरवम् लोक-सत्कृते तावद् धर्म-भृताम् श्रेष्ठ जनन्याम् अपि गौरवम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यावत् | यावत् | pos=i |
| पितरि | पितृ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| ज्ञ | ज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| गौरवम् | गौरव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| सत्कृते | सत्कृ | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| तावद् | तावत् | pos=i |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| भृताम् | भृत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| जनन्याम् | जननी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| गौरवम् | गौरव | pos=n,g=n,c=1,n=s |