रामायणम् — 3.10.77
Original
Segmented
अगस्त्य इति विख्यातो लोके स्वेन एव कर्मणा आश्रमो दृश्यते तस्य परिश्रम्-श्रम-अपहः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अगस्त्य | अगस्त्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| विख्यातो | विख्या | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्वेन | स्व | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| आश्रमो | आश्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दृश्यते | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| परिश्रम् | परिश्रम् | pos=va,comp=y,f=part |
| श्रम | श्रम | pos=n,comp=y |
| अपहः | अपह | pos=a,g=m,c=1,n=s |