रामायणम् — 3.10.81
Original
Segmented
यदा प्रभृति च आक्रान्ता दिग् इयम् पुण्य-कर्मना तदा प्रभृति निर्वैराः प्रशान्ता रजनीचराः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| प्रभृति | प्रभृति | pos=i |
| च | च | pos=i |
| आक्रान्ता | आक्रम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| दिग् | दिश् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
| कर्मना | कर्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| प्रभृति | प्रभृति | pos=i |
| निर्वैराः | निर्वैर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| प्रशान्ता | प्रशम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| रजनीचराः | रजनीचर | pos=n,g=m,c=1,n=p |