रामायणम् — 3.10.84
Original
Segmented
अयम् दीर्घ-आयुषः तस्य लोके विश्रुत-कर्मणः अगस्त्यस्य आश्रमः श्रीमान् विनीत-मृग-सेवितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दीर्घ | दीर्घ | pos=a,comp=y |
| आयुषः | आयुस् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| विश्रुत | विश्रु | pos=va,comp=y,f=part |
| कर्मणः | कर्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अगस्त्यस्य | अगस्त्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आश्रमः | आश्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| विनीत | विनी | pos=va,comp=y,f=part |
| मृग | मृग | pos=n,comp=y |
| सेवितः | सेव् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |