रामायणम् — 3.18.9
Original
Segmented
उपलभ्य शनैः संज्ञाम् तम् मे शंसितुम् अर्हसि येन त्वम् दुर्विनीतेन वने विक्रम्य निर्जिता
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उपलभ्य | उपलभ् | pos=vi |
| शनैः | शनैस् | pos=i |
| संज्ञाम् | संज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| शंसितुम् | शंस् | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| येन | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| दुर्विनीतेन | दुर्विनीत | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| विक्रम्य | विक्रम् | pos=vi |
| निर्जिता | निर्जि | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |