रामायणम् — 3.20.2
Original
Segmented
मया त्व् इदानीम् शूरास् ते राक्षसा रुधिर-अशनाः त्वद्-प्रिय-अर्थम् विनिर्दिष्टाः किमर्थम् रुद्यते पुनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| त्व् | तु | pos=i |
| इदानीम् | इदानीम् | pos=i |
| शूरास् | शूर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| राक्षसा | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| रुधिर | रुधिर | pos=n,comp=y |
| अशनाः | अशन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विनिर्दिष्टाः | विनिर्दिश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| किमर्थम् | किमर्थम् | pos=i |
| रुद्यते | रुद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुनः | पुनर् | pos=i |