रामायणम् — 3.20.7
Original
Segmented
प्रेषिताः च त्वया शूरा राक्षसास् ते चतुर्दश निहन्तुम् राघवम् घोरा मद्-प्रिय-अर्थम् स लक्ष्मणम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रेषिताः | प्रेषय् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| च | च | pos=i |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| शूरा | शूर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| राक्षसास् | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| चतुर्दश | चतुर्दशन् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| निहन्तुम् | निहन् | pos=vi |
| राघवम् | राघव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| घोरा | घोर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| मद् | मद् | pos=n,comp=y |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स | स | pos=i |
| लक्ष्मणम् | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |