रामायणम् — 3.27.9
Original
Segmented
शर-जाल-आवृतः सूर्यो न तदा स्म प्रकाशते अन्योन्य-वध-संरम्भात् उभयोः सम्प्रयुध्यतोः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शर | शर | pos=n,comp=y |
| जाल | जाल | pos=n,comp=y |
| आवृतः | आवृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सूर्यो | सूर्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| तदा | तदा | pos=i |
| स्म | स्म | pos=i |
| प्रकाशते | प्रकाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अन्योन्य | अन्योन्य | pos=n,comp=y |
| वध | वध | pos=n,comp=y |
| संरम्भात् | संरम्भ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| उभयोः | उभय | pos=a,g=m,c=6,n=d |
| सम्प्रयुध्यतोः | सम्प्रयुध् | pos=va,g=m,c=6,n=d,f=part |