रामायणम् — 3.28.3
Original
Segmented
उद्वेजनीयो भूतानाम् नृशंसः पाप-कर्म-कृत् त्रयाणाम् अपि लोकानाम् ईश्वरो ऽपि न तिष्ठति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उद्वेजनीयो | उद्विज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| भूतानाम् | भूत | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| नृशंसः | नृशंस | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पाप | पाप | pos=a,comp=y |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
| कृत् | कृत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| त्रयाणाम् | त्रि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| लोकानाम् | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| ईश्वरो | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |