रामायणम् — 3.28.4
Original
Segmented
कर्म लोक-विरुद्धम् तु कुर्वाणम् क्षणदा-चरैः तीक्ष्णम् सर्व-जनः हन्ति सर्पम् दुष्टम् इव आगतम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| विरुद्धम् | विरुध् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| तु | तु | pos=i |
| कुर्वाणम् | कृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| क्षणदा | क्षणदा | pos=n,comp=y |
| चरैः | चर | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| तीक्ष्णम् | तीक्ष्ण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हन्ति | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सर्पम् | सर्प | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| दुष्टम् | दुष् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |
| आगतम् | आगम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |