रामायणम् — 3.28.7
Original
Segmented
न चिरम् पाप-कर्माणः क्रूरा लोक-जुगुप्सिताः ऐश्वर्यम् प्राप्य तिष्ठन्ति शीर्ण-मूलाः इव द्रुमाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| चिरम् | चिरम् | pos=i |
| पाप | पाप | pos=a,comp=y |
| कर्माणः | कर्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| क्रूरा | क्रूर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| जुगुप्सिताः | जुगुप्सित | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| ऐश्वर्यम् | ऐश्वर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| तिष्ठन्ति | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| शीर्ण | शृ | pos=va,comp=y,f=part |
| मूलाः | मूल | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| द्रुमाः | द्रुम | pos=n,g=m,c=1,n=p |