रामायणम् — 3.28.9
Original
Segmented
नचिरात् प्राप्यते लोके पापानाम् कर्मणाम् फलम् सविषाणाम् इव अन्नानाम् भुक्तानाम् क्षणदा-चरैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नचिरात् | नचिर | pos=a,g=n,c=5,n=s |
| प्राप्यते | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| पापानाम् | पाप | pos=a,g=n,c=6,n=p |
| कर्मणाम् | कर्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सविषाणाम् | सविष | pos=a,g=n,c=6,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| अन्नानाम् | अन्न | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| भुक्तानाम् | भुज् | pos=va,g=n,c=6,n=p,f=part |
| क्षणदा | क्षणदा | pos=n,comp=y |
| चरैः | चर | pos=a,g=m,c=8,n=s |