रामायणम् — 3.29.17
Original
Segmented
रणे प्रहरणस्य अर्थे सर्वतो ह्य् अवलोकयन् स तम् उत्पाटयामास संदृश्य दशनच्छदम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| प्रहरणस्य | प्रहरण | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| सर्वतो | सर्वतस् | pos=i |
| ह्य् | हि | pos=i |
| अवलोकयन् | अवलोकय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उत्पाटयामास | उत्पाटय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| संदृश्य | संदृश् | pos=vi |
| दशनच्छदम् | दशनच्छद | pos=n,g=m,c=2,n=s |