रामायणम् — 3.3.21
Original
Segmented
तव प्रसादान् मुक्तो ऽहम् अभिशापात् सु दारुणात् भवनम् स्वम् गमिष्यामि स्वस्ति वो ऽस्तु परंतप
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रसादान् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| मुक्तो | मुच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अभिशापात् | अभिशाप | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| दारुणात् | दारुण | pos=a,g=m,c=5,n=s |
| भवनम् | भवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| स्वम् | स्व | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| स्वस्ति | स्वस्ति | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वो | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=p |
| ऽस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| परंतप | परंतप | pos=a,g=m,c=8,n=s |