रामायणम् — 3.36.25
Original
Segmented
शर-जाल-परिक्षिप्ताम् अग्नि-ज्वाला-समावृताम् प्रदह्-भवनाम् लङ्काम् द्रक्ष्यसि त्वम् असंशयम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शर | शर | pos=n,comp=y |
| जाल | जाल | pos=n,comp=y |
| परिक्षिप्ताम् | परिक्षिप् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
| ज्वाला | ज्वाला | pos=n,comp=y |
| समावृताम् | समावृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| प्रदह् | प्रदह् | pos=va,comp=y,f=part |
| भवनाम् | भवन | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| लङ्काम् | लङ्का | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| द्रक्ष्यसि | दृश् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| असंशयम् | असंशयम् | pos=i |