रामायणम् — 3.38.17
Original
Segmented
अपक्रान्ते च काकुत्स्थे लक्ष्मणे च यथासुखम् आनयिष्यामि वैदेहीम् सहस्राक्षः शचीम् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अपक्रान्ते | अपक्रम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| काकुत्स्थे | काकुत्स्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| लक्ष्मणे | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| यथासुखम् | यथासुखम् | pos=i |
| आनयिष्यामि | आनी | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| वैदेहीम् | वैदेही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| सहस्राक्षः | सहस्राक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शचीम् | शची | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |