रामायणम् — 3.39.9
Original
Segmented
विपर्यये तु तत् सर्वम् व्यर्थम् भवति रावण व्यसनम् स्वामि-वैगुण्यात् प्राप्नुवन्ति इतरे जनाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विपर्यये | विपर्यय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| व्यर्थम् | व्यर्थ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| रावण | रावण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| व्यसनम् | व्यसन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| स्वामि | स्वामिन् | pos=n,comp=y |
| वैगुण्यात् | वैगुण्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| प्राप्नुवन्ति | प्राप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| इतरे | इतर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| जनाः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |