रामायणम् — 3.43.3
Original
Segmented
आक्रन्दमानम् तु वने भ्रातरम् त्रातुम् अर्हसि तम् क्षिप्रम् अभिधाव त्वम् भ्रातरम् शरण-एषिनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आक्रन्दमानम् | आक्रन्द् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| तु | तु | pos=i |
| वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| भ्रातरम् | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्रातुम् | त्रा | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
| अभिधाव | अभिधाव् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| भ्रातरम् | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शरण | शरण | pos=n,comp=y |
| एषिनम् | एषिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |