रामायणम् — 3.47.12
Original
Segmented
माम् भजस्व चिराय त्वम् अहम् श्लाघ्यस् तव प्रियः न एव च अहम् क्वचिद् भद्रे करिष्ये तव विप्रियम् त्यज्यताम् मानुषो भावो मयि भावः प्रणीयताम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| भजस्व | भज् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| चिराय | चिर | pos=a,g=n,c=4,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| श्लाघ्यस् | श्लाघ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रियः | प्रिय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| क्वचिद् | क्वचिद् | pos=i |
| भद्रे | भद्र | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| करिष्ये | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| विप्रियम् | विप्रिय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| त्यज्यताम् | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| मानुषो | मानुष | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भावो | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| भावः | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रणीयताम् | प्रणी | pos=v,p=3,n=s,l=lot |