रामायणम् — 3.47.34
Original
Segmented
ह्रियमाणाम् प्रियाम् भर्तुः प्राणेभ्यो ऽपि गरीयसीम् विवश-अपहृता सीता रावणेन इति शंसत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ह्रियमाणाम् | हृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| प्रियाम् | प्रिय | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| प्राणेभ्यो | प्राण | pos=n,g=m,c=5,n=p |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| गरीयसीम् | गरीयस् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| विवश | विवश | pos=a,comp=y |
| अपहृता | अपहृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| सीता | सीता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| रावणेन | रावण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| शंसत | शंस् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |