रामायणम् — 3.5.18
Original
Segmented
ततस् त्वाम् शरण-अर्थम् च शरण्यम् समुपस्थिताः परिपालय नो राम वध्यमानान् निशाचरैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततस् | ततस् | pos=i |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| शरण | शरण | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| शरण्यम् | शरण्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समुपस्थिताः | समुपस्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| परिपालय | परिपालय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| नो | मद् | pos=n,g=,c=2,n=p |
| राम | राम | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| वध्यमानान् | वध् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| निशाचरैः | निशाचर | pos=n,g=m,c=3,n=p |