रामायणम् — 3.51.17
Original
Segmented
व्यक्तम् हिरण्मयान् हि त्वम् संपश्यसि महीरुहान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| व्यक्तम् | व्यक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| हिरण्मयान् | हिरण्मय | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| संपश्यसि | संपश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| महीरुहान् | महीरुह | pos=n,g=m,c=2,n=p |