रामायणम् — 3.55.5
Original
Segmented
मारीचेन तु विज्ञाय स्वरम् आलक्ष्य मामकम् विक्रुष्टम् मृग-रूपेण लक्ष्मणः शृणुयाद् यदि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मारीचेन | मारीच | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| विज्ञाय | विज्ञा | pos=vi |
| स्वरम् | स्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आलक्ष्य | आलक्षय् | pos=vi |
| मामकम् | मामक | pos=a,g=,c=2,n=s |
| विक्रुष्टम् | विक्रुष्ट | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मृग | मृग | pos=n,comp=y |
| रूपेण | रूप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| लक्ष्मणः | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शृणुयाद् | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यदि | यदि | pos=i |