रामायणम् — 3.57.17
Original
Segmented
रिपुः प्रच्छन्न-चारी त्वम् मद्-अर्थम् अनुगच्छसि राघवस्य अन्तर-प्रेप्सुः तथा एनम् न अभिपद्यसे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रिपुः | रिपु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रच्छन्न | प्रच्छद् | pos=va,comp=y,f=part |
| चारी | चारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मद् | मद् | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अनुगच्छसि | अनुगम् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| राघवस्य | राघव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अन्तर | अन्तर | pos=n,comp=y |
| प्रेप्सुः | प्रेप्सु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| अभिपद्यसे | अभिपद् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |