रामायणम् — 3.6.20
Original
Segmented
भवांस् तत्र अभिषज् एत किम् स्यात् कृच्छ्रतरम् ततः एतस्मिन्न् आश्रमे वासम् चिरम् तु न समर्थये
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भवांस् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| अभिषज् | अभिषज् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| एत | ए | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कृच्छ्रतरम् | कृच्छ्रतर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| ततः | ततस् | pos=i |
| एतस्मिन्न् | एतद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| वासम् | वास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| चिरम् | चिर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| न | न | pos=i |
| समर्थये | समर्थय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |