रामायणम् — 3.61.10
Original
Segmented
सदा त्वम् सर्व-भूतानाम् शरण्यः परमा गतिः को नु दार-प्रणाशम् ते साधु मन्येत राघव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सदा | सदा | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| भूतानाम् | भूत | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| शरण्यः | शरण्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| परमा | परम | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नु | नु | pos=i |
| दार | दार | pos=n,comp=y |
| प्रणाशम् | प्रणाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| साधु | साधु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| मन्येत | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| राघव | राघव | pos=n,g=m,c=8,n=s |