रामायणम् — 3.63.25
Original
Segmented
इत्य् एवम् उक्त्वा बहुशो राघवः सहलक्ष्मणः जटायुषम् च पस्पर्श पितृ-स्नेहम् निदर्शयन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इत्य् | इति | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| बहुशो | बहुशस् | pos=i |
| राघवः | राघव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सहलक्ष्मणः | सहलक्ष्मण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| जटायुषम् | जटायुष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| पस्पर्श | स्पृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पितृ | पितृ | pos=n,comp=y |
| स्नेहम् | स्नेह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| निदर्शयन् | निदर्शय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |