रामायणम् — 3.65.10
Original
Segmented
तस्मात् सज्जीभव आर्य त्वम् कुरुष्व वचनम् हितम् मे एव हि निमित्तानि सद्यः शंसन्ति सम्भ्रमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| सज्जीभव | सज्जीभू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| आर्य | आर्य | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| कुरुष्व | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| निमित्तानि | निमित्त | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| सद्यः | सद्यस् | pos=i |
| शंसन्ति | शंस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| सम्भ्रमम् | सम्भ्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |