रामायणम् — 3.66.15
Original
Segmented
विरूपम् यच् च मे रूपम् प्राप्तम् ह्य् अविनयाद् यथा तन् मे शृणु नर-व्याघ्र तत्त्वतः शंसतस् तव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विरूपम् | विरूप | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| यच् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| रूपम् | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| प्राप्तम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| ह्य् | हि | pos=i |
| अविनयाद् | अविनय | pos=a,g=m,c=5,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| तन् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| व्याघ्र | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| शंसतस् | शंस् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |