रामायणम् — 3.69.35
Original
Segmented
गम्यताम् कार्य-सिद्धि-अर्थम् इति ताव् अब्रवीच् च सः सु प्रीतौ ताव् अनुज्ञाप्य कबन्धः प्रस्थितस् तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गम्यताम् | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| कार्य | कार्य | pos=n,comp=y |
| सिद्धि | सिद्धि | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| ताव् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| अब्रवीच् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| च | च | pos=i |
| सः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| प्रीतौ | प्री | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |
| ताव् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| अनुज्ञाप्य | अनुज्ञापय् | pos=vi |
| कबन्धः | कबन्ध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रस्थितस् | प्रस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तदा | तदा | pos=i |